मॉं

Agrima Agarwal
1 min readFeb 16, 2020

--

तू नहीं होती तो मेरा क्या हो पाता

सुबह की पहली किरण का अलार्म कौन बन पाता

चाय नाश्ता रोटी पानी में कौन ममता का प्यार घोल कर खिलाता

तू नहीं होती तो मेरा क्या हो पाता

कौन मुझे ज़िंदगी की सच्चाई से रूबरू कराता

कौन मेरी हिम्मत का कारण बन पाता

कौन मुझे पिताजी की डाट से बचाता

कौन मेरे संग दिन भर बतलाता

तू नहीं होती तो मेरा क्या हो पाता

परीक्षा के समय कौन मेरे संग रात रात भर जागता

कौन मुझे आधी रात को कॉफ़ी बनाकर पिलाता

कौन मेरी फ़िज़ूल की डाट को पुचकार कर नाकार्ता

कौन मेरे हर जन्मदिन को ख़ास बनाता

तू नहीं होती तो मेरा क्या हो पाता

प्रश्न यह नहीं कि तुम इतना सब कैसे कर लेती हो माँ

प्रश्न यह है कि तुम यह कैसा प्यार करती हो माँ

जहां दर्द भी भरपूर है, और कुर्बानियॉं भी

आज मैं शुक्रिया करती हूँ उन सब मौक़ों का, जिन्हें तूने ख़ास बनाया

शुक्रिया उस माँ का, जिसने तुझे बनाया

क्यूँकि सच तो यही हैं माँ की तेरे बिना मेरा कुछ नहीं हो पाता

Sign up to discover human stories that deepen your understanding of the world.

Free

Distraction-free reading. No ads.

Organize your knowledge with lists and highlights.

Tell your story. Find your audience.

Membership

Read member-only stories

Support writers you read most

Earn money for your writing

Listen to audio narrations

Read offline with the Medium app

--

--

Agrima Agarwal
Agrima Agarwal

Written by Agrima Agarwal

I write on my miniature, mundane experiences turned life long lessons. I am not a grammar nazi, so your suggestions are always welcome -aggarwalagrima@gmail.com

No responses yet

Write a response